लेखनी प्रतियोगिता -19-Jul-2022 - नफरत छोड़ो
नफरत छोड़ो, प्यार लुटाओ,
जीवन की बगिया महकाओ।
न ऊंच- नीच, जात पात यहां,
सत्यता की राह अपनाओ।
नफ़रत छोड़ो.................
द्वेष भाव न आए मन में,
सुकून आएगा तब जीवन में,
मानव हो तुम मानवता का,
कर्तव्य अपना यहां निभाओ।
नफ़रत छोड़ो.................
दोष रहित न कोई यहां पर,
नजरों से हिकारत मिटाओ,
दोषी तुम भी तो उतना ही,
दोषों की न फेहरिस्त बढ़ाओ।
नफ़रत छोड़ो.................
इमानदारी मिलती कम है,
उसको अपना धर्म बनाओ,
आचरण में ईमान अपना कर,
भ्रष्टाचार को तुम हटाओ।
नफ़रत छोड़ो.................
परिवार में लोग हो जितने भी,
आशीष उनका तुम पा जाओ,
परिस्थितियां हो कैसी भी,
मिल जुलकर उनसे लड़ जाओ।
नफ़रत छोड़ो.................
वैर भाव जो आएगा मन में,
रोग एक नया उपजेगा तन में,
मीठी वाणी से अपना लो सबको,
प्रेम की एक नई जोत जलाओ।
नफ़रत छोड़ो.................
#दैनिक प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)
Seema Priyadarshini sahay
20-Jul-2022 06:25 PM
बेहतरीन
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Abhinav ji
20-Jul-2022 09:22 AM
Very nice
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shweta soni
20-Jul-2022 07:23 AM
Bahot khub 👌
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